White अब वापिस लौट भी आओ तो, अपना नहीं पाएंगे, पहले जैसा प्यार फिर, न हम पा सकेंगे, न तुम ला पाएंगे... वक़्त की बारिश ने रिश्तों को, यूँ गलाकर बहा दिया, जो धागे थे दिलों के बीच, वो भीगकर कमज़ोर पड़ गए... तेरी आँखों में अब भी वो नमी तो होगी, पर मेरी आँखों का साहिल बदल चुका है, हम दोनों अब भी वही हैं शायद, मगर वो बेख़ौफ़ मोहब्बत कहीं खो चुकी है... तुम आ भी जाओ तो क्या होगा, साये अधूरे ही रह जाएंगे, जिस दिल में बसते थे कभी, अब वहाँ यादों के सन्नाटे गूंजेंगे... वो बातें, वो हँसी, वो तकरारें, अब सिर्फ़ किस्सों में रह गई हैं, जो चिंगारी कभी दिलों में थी, वो राख बनकर बिखर गई है... तू लौटकर आएगा तो सही, मगर उस शहर में तेरा घर न होगा, दरवाज़े खुले मिलेंगे तुझे, मगर तेरी खातिर कोई अंदर न होगा... अब मोहब्बत की राहों में, ना वो जज़्बात मिलेंगे, जो वादे किए थे तूने कभी, अब वो हालात मिलेंगे... अब न तेरी आहट पर दिल धड़केगा, न तेरा नाम सुनकर आँख भर आएगी, जो मोहब्बत एक ज़माने में जिंदा थी, वो अब बस ख़ामोशी में दफ्न पाई जाएगी... ©Naveen Dutt लौट आओ, मगर मोहब्बत वहीं रह गई..." poetry in hindi