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White हर्षित प्रकृति आज दिखे,आया पर्व नवान्न। पर्

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हर्षित प्रकृति आज दिखे,आया पर्व नवान्न।
पर्व मनाते हम सदा,भरे घर सदा अन्न।।
भरे घर सदा अन्न,प्रकृति का यही आशीष।
माँस भक्षण न करें,सब बने रहे निरामिस।।

    🙏🌹🙏नवान्न की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏🌹🙏

©Bharat Bhushan pathak #नवान्न poetry on love hindi poetry on life sad poetry poetry in hindi metaphysical poetry
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हर्षित प्रकृति आज दिखे,आया पर्व नवान्न।
पर्व मनाते हम सदा,भरे घर सदा अन्न।।
भरे घर सदा अन्न,प्रकृति का यही आशीष।
माँस भक्षण न करें,सब बने रहे निरामिस।।

    🙏🌹🙏नवान्न की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏🌹🙏

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