लाजवाब एहसास था , लाल कालिन बिछी हुई थी । इंतज़ार , उस वक्त का था । कोई हसीं , सपनों से भरी । परेशानियों , से जूझता । उस पर , शान से हो चलता। फिर अगले ही पल , ये हुआ। और , बेसब्री खत्म हुई । सबकी सांसे थम गई , उसपे , इठलाते ख़ुद को पाया । ©Anuradha Sharma #redcarpet #success #life #goals #ambition #shayri #urdupoetry #yqquotes #fog