प्रवर्त्तमान श्री ब्रह्मा के द्वितीय परार्द्ध में
श्री श्वेतवाराह कल्प, वैवस्वत मन्वन्तर के अठ्ठाईसवें कलियुग के प्रथम चरण में, जम्बूद्वीप के अंतर्गत भारतवर्ष के भरतखण्ड में, आर्यावर्त्त के अंतर्गत ब्रह्मावर्त के एक पुण्य देश में
युगाब्द 5123
विक्रम संवत 2078
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि में सम्पूर्ण सृष्टि की सामूहिक ऊर्जा की मंगलकामना करती हूँ !
समय! कहा जाता है समय न कभी रुकता है न थकता है न किसी का मोह करता है कहावत भी समय की लाठी से तेज कोई मार नहीं आखिर क्या है ये समय कौन है इसका प्रारब्ध