Nojoto: Largest Storytelling Platform

यूँ तो इस शहर में काफ़ी मजमा है , काफ़ी भीड़ है हर



यूँ तो इस शहर में काफ़ी मजमा है , काफ़ी भीड़ है
हर शक़्स मगर यहां ख़ुद में एक सुनसान बस्ती है 
इतनी तन्हाई तो मयस्सर है मुझे मेरे अपने घर में
तो आख़िर क्यों निकल के आऊँ एक सन्नाटे से दूसरे सन्नाटे में

 Musings - 10/10/2019


यूँ तो इस शहर में काफ़ी मजमा है , काफ़ी भीड़ है
हर शक़्स मगर यहां ख़ुद में एक सुनसान बस्ती है 
इतनी तन्हाई तो मयस्सर है मुझे मेरे अपने घर में
तो आख़िर क्यों निकल के आऊँ एक सन्नाटे से दूसरे सन्नाटे में

 Musings - 10/10/2019

Musings - 10/10/2019