भारत के जवान देशभक्ति वाली आग सीने में समेट कर, पत्थरों को तोड़ चूर-चूर कर आते हैं। देश को ज़रूरत जो पड़ती है ख़ून की तो, वक्ष चीर कर ख़ून अपना बहाते हैं। देश के जवान कभी मरने से डरते न, सीना तान यमराज से भी टकराते हैं। माता भारती के स्वाभिमान को बचाने हेतु, शत्रुओं का भी कपाल फ़ाड़ कर लाते हैं।।