तुम्हारा ज़िकर हर शाम होता है, हाथ में चाय का कप और तुम्हारा ही ख्याल रहता है! यह नशा चाय का है तुम्हारा नहीं, जो मेरी हर कविता में तुम्हारा नाम रहता है!! ©Prachi Sharma #chai ka nasha