तेरी खुशबू में जी रहे हम, तेरी चाहत कभी ना हो कम। खुल के ऐतबार मुझसे कर लेना, मोहब्बत में दगा ना करेंगे हम। छोटे-छोटे ख्वाब बुने हम, साथ निभाये दोनों हरदम। कभी तुम रूठो मैं मनाऊँ, प्यार हमारा न हो कभी कम। गहरे छिछले सागर के जैसा, विश्वास हो अपना सदृढ़। दुख हो सुख हो कुछ पल, सपनें देखे खुशनुमा हो कल। अपने कदम गृहस्थ जीवन में, बढ़ते चले खुशियां पल-पल। तुम भी इतना समझ लेना, प्यार कभी नहीं होगा कम। तेरी खुशबू से जी रहे हम, तेरी चाहत कभी ना हो कम।। तेरी खुशबू में जी रहे हम, तेरी चाहत कभी ना हो कम। खुल के ऐतबार मुझसे कर लेना, मोहब्बत में दगा ना करेंगे हम। छोटे-छोटे ख्वाब बुने हम, साथ निभाये दोनों हरदम। कभी तुम रूठो मैं मनाऊँ,