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ठाकुर साहब की कलम✍️✍️🇮🇳😎 इलेक्शन देखो रे भै

ठाकुर साहब की कलम✍️✍️🇮🇳😎


इलेक्शन 

देखो रे भैया इलेक्शन का दौर आया है, 
किसी ने सर पे मंदिर तो किसी ने मस्जिद को उठाया है,
इंसानियत के मुद्दे पर कभी ना हुआ इलेक्शन,
मानवता हित दिखाकर हमेशा भगवानो को लड़वाया है।
देखो रे भैया फिर से इलेक्शन का दौर आया है।
किसी ने सर पे मंदिर तो किसी ने मस्जिद को उठाया है।।

सोचा था इस बार, है अच्छी सरकार,
नहीं हुआ युद्ध हिन्दू मुस्लिम मे जैसे होता था हर बार,
फिर से ना जाने क्यों भाई मुस्लिम गरमाए है,
दादा ओवैसी ने गलती से खुद की राहों मे खुद ही कांटे बिछाये है।।

इलेक्शन के इस दौर मे अब सब नेता मांगेंगे वोट की भीख,
मेरी प्यारी जनता इनको सीखला दो एक सीख,
कोई लाये फूल चाहे आये हाथी साइकिल पर,
जनता उठा लो हाथ मे डंडे,
सुधार जाओ सरकारों वरना अब जनता फोड़ेगी सर पर अंडे।।

लड़की हु लड़ सकती हु कहकर उतरी मैदान ऐ जंग मे,
कहा गयी थी मोहतरमा तब ज़ब लड़कियों पर आई थी मुसीबतें,
तब ना किसी ने हुंकार भरी, ना जनता की पुकार सुनी,
तो क्या सोचा अब तुमने सर हाथ फेर कर ले लोगी तुम वोट।

अब सुधर जाओ ऐ सरकारों,
मत उकसाओ तुम इस जनता को,
यदि नहीं सम्भलती सत्ता तो, छोड़ सकते हो इस कुर्सी को,
हम खुद संभाल लेंगे अपने देश को,
हम खुद संभाल लेंगे अपने देश को।।

प्रिया ठाकुर

©Risky Rajput #election2022 #priyathakur✍️
#writer✒️#editor🇮🇳✍️✒️

#Light
ठाकुर साहब की कलम✍️✍️🇮🇳😎


इलेक्शन 

देखो रे भैया इलेक्शन का दौर आया है, 
किसी ने सर पे मंदिर तो किसी ने मस्जिद को उठाया है,
इंसानियत के मुद्दे पर कभी ना हुआ इलेक्शन,
मानवता हित दिखाकर हमेशा भगवानो को लड़वाया है।
देखो रे भैया फिर से इलेक्शन का दौर आया है।
किसी ने सर पे मंदिर तो किसी ने मस्जिद को उठाया है।।

सोचा था इस बार, है अच्छी सरकार,
नहीं हुआ युद्ध हिन्दू मुस्लिम मे जैसे होता था हर बार,
फिर से ना जाने क्यों भाई मुस्लिम गरमाए है,
दादा ओवैसी ने गलती से खुद की राहों मे खुद ही कांटे बिछाये है।।

इलेक्शन के इस दौर मे अब सब नेता मांगेंगे वोट की भीख,
मेरी प्यारी जनता इनको सीखला दो एक सीख,
कोई लाये फूल चाहे आये हाथी साइकिल पर,
जनता उठा लो हाथ मे डंडे,
सुधार जाओ सरकारों वरना अब जनता फोड़ेगी सर पर अंडे।।

लड़की हु लड़ सकती हु कहकर उतरी मैदान ऐ जंग मे,
कहा गयी थी मोहतरमा तब ज़ब लड़कियों पर आई थी मुसीबतें,
तब ना किसी ने हुंकार भरी, ना जनता की पुकार सुनी,
तो क्या सोचा अब तुमने सर हाथ फेर कर ले लोगी तुम वोट।

अब सुधर जाओ ऐ सरकारों,
मत उकसाओ तुम इस जनता को,
यदि नहीं सम्भलती सत्ता तो, छोड़ सकते हो इस कुर्सी को,
हम खुद संभाल लेंगे अपने देश को,
हम खुद संभाल लेंगे अपने देश को।।

प्रिया ठाकुर

©Risky Rajput #election2022 #priyathakur✍️
#writer✒️#editor🇮🇳✍️✒️

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