#जीवन_के_पड़ाव पर, जीवन हो जाता स्थिर है.! इक्षाएँ दम तोड़ देती है, चाहत नही दिल में बचती है.! दूरी जो तय की जीवन की, क्या खोया है क्या पाया है.! पीछे मुड़कर जब देखा तो, हांसिल नही कुछ कर पाया हूं.! है हाथ मेरे दोनों खाली, और सामने घोर अँधेरा है.! जीवन-पथ पर चल कर के, नही हांसिल कुछ कर पाया हूँ.! #अजय57 #जीवन_पथ