Nojoto: Largest Storytelling Platform

इतनी तो ना उलझी थी जिंदगी अपनी जितनी सुलझाने में ग

इतनी तो ना उलझी थी जिंदगी अपनी
जितनी सुलझाने में गठान आ गयीं

बहुत भर भर के लीं थीं साँसें मैंने
ना जाने किस किस के काम आ गयीं

मोहब्बत की तासीर सबो के लिए अलग है 
जिसकी जैसी थीं तवियत, वैसी ताबीज आ गयीं
 
मिला के देख कभी मिट्टी में क़भी लहू अपना
जैसी बोई थी नियत ,वैसी फसल आ गयीं

वो आते ही नही कभी मेरे अंजुमन की तरफ
ये सुबह कैसी है,शाम को ही मेरे घर आ गयी


गिनती में तो सब एक से बढ़ कर एक निकले
हम हिसाब में कच्चे थे वो खेल खराब कर गयी
इतनी तो ना उलझी थी जिंदगी अपनी
जितनी सुलझाने में गठान आ गयीं

बहुत भर भर के लीं थीं साँसें मैंने
ना जाने किस किस के काम आ गयीं

मोहब्बत की तासीर सबो के लिए अलग है 
जिसकी जैसी थीं तवियत, वैसी ताबीज आ गयीं
 
मिला के देख कभी मिट्टी में क़भी लहू अपना
जैसी बोई थी नियत ,वैसी फसल आ गयीं

वो आते ही नही कभी मेरे अंजुमन की तरफ
ये सुबह कैसी है,शाम को ही मेरे घर आ गयी


गिनती में तो सब एक से बढ़ कर एक निकले
हम हिसाब में कच्चे थे वो खेल खराब कर गयी
akash8565561729315

Akash

New Creator