कश्ती विहार के लिए निकला कश्ती से दरिया में फंस गया तुफान के बेतोड़ भंवर में लहरें उठी मन के किसी कोने में जान तड़पने लगी उस कश्ती में संकट की विडम्बना छायी जीवन में डूब गयी पतवार उड़ गए झंडे हवा में विहार के लिए निकला कश्ती से दरिया में फंस गया तुफान के बेतोड़ भंवर में सोच रहा अपने आप में अब दम घुट रहा काली नाव में एक पलटा खा गया एक और खाना रह गया जलधि में विहार के लिए निकला कश्ती से दरिया में फंस गया तुफान के बेतोड़ भंवर में अब वो थम सा गया समन्दर में मेरा अस्तित्व मिट इस तबाही में अब कोई नही मेरे पास में जीवन मेरा खो गया नौका के मोह में किंg oफ प्रिंce #thanks