चाँद की बेरुख़ी से रात ये काली हो गई, दियों की रौशनी से फिर, जगमग ऊजाली हो गई। उसके इंतेज़ार में, नम थी मेरी आँखें, उसके आते ही मैं, दीवाली हो गई। सभी को उजियारे और प्रभु राम की अयोध्या वापसी के उत्सव की अनेकों शुभकामनाएं। किसी की ज़िंदगी में प्रकाश लाइये, किसी की ज़िंदगी का इंतज़ार ख़त्म कीजिये। दीवाली