आमने-सामने आमने-सामने हुए थे बहुत दिनों के बाद हम.. धड़कने बढ़ सी गई थी और सांसे हुई मद्धम.. नारंगी छटा बिखरी थी नीले आसमान में, बिताई इक पहर हमने थामकर हाथ फिर हमदम.. © चीनू शर्मा 'अद्भुत' #आमने-सामने