#OpenPoetry ये सांस भी मेरी, मेरी ना रही, ऐ इश्क़, जब से चढ़ा सुरूर है तुम्हारा… मुझे अपने अल्फाज़ बना लो, अपने दिल की आवाज़ बना लो, आज बन जाओ मेरी मोहब्बत और मुझे अपना प्यार बना लो…. ये आँखें भी मेरी ना रहीं, ऐ इश्क़, जब से देखा चेहरा तुम्हारा.... बसा लो अपनी आँखों में मुझे अपना ख़्वाब बना लो, मुझे छुपा लो सारी दुनिया से अपना एक गहरा राज बना लो ये दिल भी मेरा ना रहा, ऐ इश्क़,जब से मिला दिल से दिल हमारा.... #प्यार बना लो