मोहब्बत हमें भी थी.... बस हालात थे विपरीत, ना निभा पाए हम मोहब्बत की रीत जुदा हो गए इक दूजे से हम.... खो दिया हमने अपना मनमीत जीवन कट रहा है अब तन्हा.... ना रही हमें जीवन से कोई भी प्रीत 🌷सुप्रभात🌷 👉🏻 प्रतियोगिता- 264 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है 👉🏻🌹"मोहब्बत उसे भी थी"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या