Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़िन्दगी गुलज़ार है

ज़िन्दगी गुलज़ार है   वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी
 नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो 
अदालत भी तुम्हारी थी.

©बेनाम शायर #Gulzar
ज़िन्दगी गुलज़ार है   वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी
 नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो 
अदालत भी तुम्हारी थी.

©बेनाम शायर #Gulzar