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बेटी को फिर खतरा बढ गया कल कोई लूटा अंधेरे में

बेटी को  फिर  खतरा  बढ गया कल कोई लूटा अंधेरे में
पुलिस  प्रशासन   नेता   चमचे  किसको   लाओं  घेरे में
  न्याय कहूँ अन्याय कहूँ किस किसको लाऊं घेरे में 
जलती रहती है आग जहन में मैं खुद को लाऊं फेरे में 

बदलाव की रट लगा रखा है देखा खुद में क्या बुराई है 
तुलना करते हो औरों से देखो खुदकी नजरें कैसी बनाई है 

सच कह दूँ तो इक जैसे हो तनिक सा फर्क तुममें दिखता है 
वो पार कर गए हदें सारी तुम्हारी नजरों से भी कोई शर्मिन्दा है
बेटी को  फिर  खतरा  बढ गया कल कोई लूटा अंधेरे में
पुलिस  प्रशासन   नेता   चमचे  किसको   लाओं  घेरे में
  न्याय कहूँ अन्याय कहूँ किस किसको लाऊं घेरे में 
जलती रहती है आग जहन में मैं खुद को लाऊं फेरे में 

बदलाव की रट लगा रखा है देखा खुद में क्या बुराई है 
तुलना करते हो औरों से देखो खुदकी नजरें कैसी बनाई है 

सच कह दूँ तो इक जैसे हो तनिक सा फर्क तुममें दिखता है 
वो पार कर गए हदें सारी तुम्हारी नजरों से भी कोई शर्मिन्दा है

न्याय कहूँ अन्याय कहूँ किस किसको लाऊं घेरे में जलती रहती है आग जहन में मैं खुद को लाऊं फेरे में बदलाव की रट लगा रखा है देखा खुद में क्या बुराई है तुलना करते हो औरों से देखो खुदकी नजरें कैसी बनाई है सच कह दूँ तो इक जैसे हो तनिक सा फर्क तुममें दिखता है वो पार कर गए हदें सारी तुम्हारी नजरों से भी कोई शर्मिन्दा है