उसी का शहर, वही मुद्दई, वही मुंसिफ हमीं यकीन था, हमारा कुसूर निकलेगा यकीन न आये तो एक बार पूछ कर देखो जो हंस रहा है वोह ज़ख्मों से चूर निकलेगा unheard_sayri #alone