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जज्बातों के समंदर इस तरह बह चले सैलाब भी शर्मिंदा

जज्बातों के समंदर इस तरह बह चले सैलाब भी शर्मिंदा हैं,
दिल पर आघात और  आंसू ‌भी हैरान कि आब भी जिंदा हैं,

नरगिस ए साहिर जो‌ थी कभी अब तेरी याद में है आबशार,
गम टपके आखों  से  बैचैन  हो तड़पता उठता हैं ज़ार-ज़ार,

बरसती आंखों  के  सैलाब को अब तुम ना रोक पाओगे यारा,
हृदय आघात कर यादों ‌में सिसकती सांसों का इल्ज़ाम ‌है‌‌ यारा,

हसरतें  ए  तम्मन्ना ‌को‌  आख़िर  क्यों  इस तरह विध्वंस किया,
मरना  भी चाहा हमनें तो  तेरी हंसी यादों ने हमें मरने ना दिया,

सदा सर्कशी ए दिल  शायद  अब  बुलंद  होने  लगी है
दिल ए दहशत ए विरान में जाहिरन दीद की चाह होने लगी,

दीद- ए-पुर- नम पर दर्द  के आंसू  स्वप्न  मिस्ल ठहरा गए,
बरसती आंँखों के  हिज़्र  की पीड़ा  से दरस को तरस गए, 

पेशवा मेरे दिल का आहिस्ता-आहिस्ता अ़ंजम हो गया,
कसदन वो संगदिल सनम परखने में मुलावविस हो गया,

बस कर‌  ' रोज़ी'‌  कब  तक‌ मासूम  दिल  को‌ अंधेरे में रखोगी,
ख़ामोश धड़कन जो थे पढ़ते उनसे सुनामी दर्द को‌ दिल में छुपाओगी।  नरगिस ए साहिर: जादूगर आंखे
आबशार: झरना
सर्कशी: बगावत
दिल ए दहशत ए विरान: दिल का विरान जंगल
दीद- ए-पुर- नम: भीगी आंखे
मिस्ल: की तरह
पेशवा: रहनुमा
अ़ंजम: गूगां
जज्बातों के समंदर इस तरह बह चले सैलाब भी शर्मिंदा हैं,
दिल पर आघात और  आंसू ‌भी हैरान कि आब भी जिंदा हैं,

नरगिस ए साहिर जो‌ थी कभी अब तेरी याद में है आबशार,
गम टपके आखों  से  बैचैन  हो तड़पता उठता हैं ज़ार-ज़ार,

बरसती आंखों  के  सैलाब को अब तुम ना रोक पाओगे यारा,
हृदय आघात कर यादों ‌में सिसकती सांसों का इल्ज़ाम ‌है‌‌ यारा,

हसरतें  ए  तम्मन्ना ‌को‌  आख़िर  क्यों  इस तरह विध्वंस किया,
मरना  भी चाहा हमनें तो  तेरी हंसी यादों ने हमें मरने ना दिया,

सदा सर्कशी ए दिल  शायद  अब  बुलंद  होने  लगी है
दिल ए दहशत ए विरान में जाहिरन दीद की चाह होने लगी,

दीद- ए-पुर- नम पर दर्द  के आंसू  स्वप्न  मिस्ल ठहरा गए,
बरसती आंँखों के  हिज़्र  की पीड़ा  से दरस को तरस गए, 

पेशवा मेरे दिल का आहिस्ता-आहिस्ता अ़ंजम हो गया,
कसदन वो संगदिल सनम परखने में मुलावविस हो गया,

बस कर‌  ' रोज़ी'‌  कब  तक‌ मासूम  दिल  को‌ अंधेरे में रखोगी,
ख़ामोश धड़कन जो थे पढ़ते उनसे सुनामी दर्द को‌ दिल में छुपाओगी।  नरगिस ए साहिर: जादूगर आंखे
आबशार: झरना
सर्कशी: बगावत
दिल ए दहशत ए विरान: दिल का विरान जंगल
दीद- ए-पुर- नम: भीगी आंखे
मिस्ल: की तरह
पेशवा: रहनुमा
अ़ंजम: गूगां
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नरगिस ए साहिर: जादूगर आंखे आबशार: झरना सर्कशी: बगावत दिल ए दहशत ए विरान: दिल का विरान जंगल दीद- ए-पुर- नम: भीगी आंखे मिस्ल: की तरह पेशवा: रहनुमा अ़ंजम: गूगां #YourQuoteAndMine #team_शब्दांजलि #टीम_शब्दांजलि #बरसती_आँखें_team_शब्दांजलि