शब-ए-रुसवाईयों में मर्ज़-ए-तन्हाईयों का हक़ीम हूँ मैं , मत रख मेरे नज्मो को जुबां पे, काफ़िर-ए-अफीम हूँ मैं। ©Jajbaat-e-Khwahish(जज्बात) शब-ए-रुसवाईयों में मर्ज़-ए-तन्हाईयों का हक़ीम हूँ मैं, मत रख मेरे नज्मो को जुबां पे, काफ़िर-ए-अफीम हूँ मैं।। #अफीम #काफ़िर #हकीम #Love