रोज़ छील देती हूँ भरते ज़ख्म को ये सोचकर भर गया गर तो दर्द की ख़लिश का क्या होगा निधि #CTK #KISSES रोज़ छील देती हूँ भरते ज़ख्म को ये सोचकर भर गया गर तो दर्द की ख़लिश का क्या होगा निधि #CTK #KISSES