लहरों को साहिल की दरकार नही होती, हौसलें बुलंद हो तो कोई दीवार नही होती, जलते हुए चिराग ने आँधियों से ये कहा उजाला देने वालों की कभी हार नही होती. ©jhon corner "safar bina ruke"