Nojoto: Largest Storytelling Platform

सच है स्वार्थ भरे पल तेरे, ये शब्द भी है मेरे, अब

सच है स्वार्थ भरे पल तेरे,
ये शब्द भी है मेरे,
अब हद से ज्यादा एहसान न कर।
वक़्त निकल गया अब दगेबाज न कह,
बद्दिमाकी अल्फाजों को बयां न कर।
तू खुश रहे सदा जन्हा भी रहे,
भले ही मुझसे प्यार न कर। खुश रहे तू सदा.....!
सच है स्वार्थ भरे पल तेरे,
ये शब्द भी है मेरे,
अब हद से ज्यादा एहसान न कर।
वक़्त निकल गया अब दगेबाज न कह,
बद्दिमाकी अल्फाजों को बयां न कर।
तू खुश रहे सदा जन्हा भी रहे,
भले ही मुझसे प्यार न कर। खुश रहे तू सदा.....!

खुश रहे तू सदा.....!