मैं आज के युग की पढ़ी-लिखी सशक्त नारी हूंँ, पर शायद कुछ लोगों को लगती मैं बेचारी हूंँ। अपने संग संग अपनों का भी ध्यान रखती हूंँ, पर आसमान में उड़ने का अरमान रखती हूंँ। दिल है जज्बातों व एहसासों से भरा हुआ मेरा, फिर भी अपने और पराए की पहचान रखती हूंँ। माना जिंदगी में सब मन मुताबिक नहीं हुआ है, पर जो भी हुआ उसका शुक्रिया अदा करती हूंँ। आंँखों से सभी का हाल-ए-दिल समझ लेती हूँ, परायों को भी अपना बनाने का हुनर रखती हूँ। #PnDWnaPoWriMo6 A Metaphor writing challenge 🔥 Open for All 🔥 brought to you by Proverbs World and Dreams World ♥️ Dear PW fam! ✨