मैं फिर भी तुमको चाहूँगा, तू आश्मान छू ले मैं मिट

मैं फिर भी तुमको चाहूँगा, तू आश्मान छू ले 
मैं मिट्टी में बिखर जाऊंगा 
तू शागर में समा जा 
मैं झील बन जाऊंगा 
तू बना कर बहाना मेरी गलतियों का 
देदे मुझे धोखा ए सनम 
मैं फिर भी तुमको चाहूंगा 
मैं फिर भी तुमको चाहूंगा मैं फिर भी तुमको चाहूंगा
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा, तू आश्मान छू ले 
मैं मिट्टी में बिखर जाऊंगा 
तू शागर में समा जा 
मैं झील बन जाऊंगा 
तू बना कर बहाना मेरी गलतियों का 
देदे मुझे धोखा ए सनम 
मैं फिर भी तुमको चाहूंगा 
मैं फिर भी तुमको चाहूंगा मैं फिर भी तुमको चाहूंगा
mahirsayar3037

Mahir sayar

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