##संभालना## दिल सहमा हुआ सा है कुछ कहता नही अब क्यों बाते करता था उनकी धीमे धीमे से कुछ यू आती नही लहरे समुन्दर की अब क्यों किनारो की बेचैनी को समझती नही है अब वो अंधेरी रातो के ख्वाबो में अक्शर आते है अब तो क्यों कि दिन के उजाले में मिलने नही आते अब वो बेचैनी का सिलसिला इस कदर भड़ गया अब हम मिलते नही उनसे धीमे से भुला रहे उनको आखो की प्यास को अशुओ ने भुजा दिया अब जब से उनको समझे है खुद से संभाल गए अब तो दुबे दीपक #Walk_on_the_way #nojoto nikki bhatt deepshi bhadauria