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अकेलापन अभिशाप है जब आपको किसी का इंतज़ार है लेकिन

अकेलापन अभिशाप है
जब आपको किसी का इंतज़ार है 
लेकिन वही अकेलापन वरदान है
 जब आप हर तरह के इंतज़ार
 के अहसासों से मुक्त हो गए। 
अक्सर हम एकांत में होने से डरते है 
लेकिन जब व्यक्ति भीड़ से 
स्वयं को अलग करता है
 तभी वह स्वयं को जान पाता है।
 भीड़ में एक व्यक्ति पूरी ज़िन्दगी 
उसी तरह जीता है जो भीड़ चाहती है।
स्वयं को जानना तभी हो 
पाता है जब वह अकेला हो जाय।

©Prashant Roy
  #Silence  gaTTubaba Rakesh Srivastava Suruchi Roy SHAHID HAROON RUHI. PAYAL SINGH