नदी के दो किनारों के जैसे कहाॅं किसी को मालूम था कि.. सबकी प्यास बुझाने वाली नदी बीच से जो गुजरेगी, किनारों को अलग-थलग कर देगी उसकी धारा, (अनुशीर्षक में पढ़ें) ***हमदोनों*** 'नदी के दो किनारों' के जैसे कहाॅं किसी को मालूम था कि... सबकी प्यास बुझाने वाली नदी बीच से जो गुजरेगी, किनारों को अलग-थलग