Nojoto: Largest Storytelling Platform

बेटी की विदाई (कविता ) कन्यादान हुआ जब पूरा, आया

बेटी की विदाई (कविता )

कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का..
हँसी खुशी सब काम हुआ था, सारी रस्म अदाई का..

बेटी के उस कातर स्वर ने, बाबुल को झकझोर दिया..
पूछ रही थी पापा तुमने, क्या सचमुच में छोड़ दिया...

अपने आँगन की फुलवारी, मुझको सदा कहा तुमने..
 मेरे रोने को पलभर भी, बिल्कुल नहीं सहा तुमने....

क्या इस आँगन के कोने में, मेरा कुछ स्थान नहीं...
 अब मेरे रोने का पापा, तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं...

नहीं रोकते चाचा ताऊ, भैया से भी आस नहीं......
ऐसी भी क्या उदासी है, कोई आता पास नहीं.....

बेटी की बातों को सुन के, पिता नहीं रह सका खड़ा 
उमड़ पड़े आँखों से आँसू, बदहवास सा दौड़ पड़ा.....

माँ को लगा गोद से कोई, मानों सब कुछ छीन चला...
 फूल सभी घर की फुलवारी से, कोई ज्यों बीन चला...

बेटी के जाने पर घर ने, जाने खोया है....
कभी न रोने वाला पिता भी आज, फूट-फूटकर 
रोया है.....

❤️उज्जवल भनवाल ❤️

©❤️Shayari with"Ujval Bhanwal"❤️ #Betikividayi #Colors #beti #Betiyan #baap #father #daughter
बेटी की विदाई (कविता )

कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का..
हँसी खुशी सब काम हुआ था, सारी रस्म अदाई का..

बेटी के उस कातर स्वर ने, बाबुल को झकझोर दिया..
पूछ रही थी पापा तुमने, क्या सचमुच में छोड़ दिया...

अपने आँगन की फुलवारी, मुझको सदा कहा तुमने..
 मेरे रोने को पलभर भी, बिल्कुल नहीं सहा तुमने....

क्या इस आँगन के कोने में, मेरा कुछ स्थान नहीं...
 अब मेरे रोने का पापा, तुमको बिल्कुल ध्यान नहीं...

नहीं रोकते चाचा ताऊ, भैया से भी आस नहीं......
ऐसी भी क्या उदासी है, कोई आता पास नहीं.....

बेटी की बातों को सुन के, पिता नहीं रह सका खड़ा 
उमड़ पड़े आँखों से आँसू, बदहवास सा दौड़ पड़ा.....

माँ को लगा गोद से कोई, मानों सब कुछ छीन चला...
 फूल सभी घर की फुलवारी से, कोई ज्यों बीन चला...

बेटी के जाने पर घर ने, जाने खोया है....
कभी न रोने वाला पिता भी आज, फूट-फूटकर 
रोया है.....

❤️उज्जवल भनवाल ❤️

©❤️Shayari with"Ujval Bhanwal"❤️ #Betikividayi #Colors #beti #Betiyan #baap #father #daughter