#RIPPriyankaReddy हम मनोरोगियों के देश में रह रहे हैं। इतनी क्रूरता, ऐसी जघन्यता! प्रियंका रेड्डी के गुनहगारों का भी तो घर- परिवार होगा। जैसे निर्भया के दोषियों का था। क्या यह केवल मौके की बात है? क्या उनके आदमी से हैवान बनने के लिए रात और अकेली लड़की ही काफी हैं। इस हैवानियत के बाद वे घर गये होंगे? अपनी बेटियों के माथे हाथ फेरा होगा? अपनी पत्नियों को गले लगाया होगा? अपनी मां से मुस्कुरा के मिले होंगे? या फिर उनको देख कर भी उनके मन में वैसे ही ख्याल आते होंगे? क्या देर रात सड़क पर खड़ी लड़की को जीने का भी हक नहीं? कितने दर्द सहे होंगे कितनी सबकी प्यारी होगी क्रूर काल से लड़ते-लड़ते अंतिम क्षण में हारी होगी सब संस्कार अब व्यर्थ हुए स्थितियां सब दर्शाती हैं #प्रियंका जैसी कितनी बेटी प्रतिदिन मारी जाती हैं।