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आओ फिर से मिल मुस्काये जख्मो से अपना ध्यान बटाये अ

आओ फिर से मिल मुस्काये
जख्मो से अपना ध्यान बटाये
अपने पैरों खड़े हो जाये
दुनिया को लोहा मनवाये

परीक्षा की घड़ी आई है
साथ मुसीबते खूब लाई है
मुसीबतों को ठेंगा दिखलाये
आओ फिर से मिल मुस्काये

माना जेबे बहुत तंग है
परिचितों के भी अलग रंग है
फिर भी आओ मिल बतलाये
आओ फिर से मिल मुस्काये

अपना पराया जान गए अब
कैसा रिश्ता मान गए अब
किसके लिए हम मुरझाये
आओ फिर से मिल मुस्काये

काले बादल छट जायेगे
अच्छे दिन फिर आएंगे
फिर से आओ खुशियां मनाएं
आओ फिर से मिल मुस्काये

© Rajesh Sharma आओ फिर से मिल मुस्काये


#muskurahat
आओ फिर से मिल मुस्काये
जख्मो से अपना ध्यान बटाये
अपने पैरों खड़े हो जाये
दुनिया को लोहा मनवाये

परीक्षा की घड़ी आई है
साथ मुसीबते खूब लाई है
मुसीबतों को ठेंगा दिखलाये
आओ फिर से मिल मुस्काये

माना जेबे बहुत तंग है
परिचितों के भी अलग रंग है
फिर भी आओ मिल बतलाये
आओ फिर से मिल मुस्काये

अपना पराया जान गए अब
कैसा रिश्ता मान गए अब
किसके लिए हम मुरझाये
आओ फिर से मिल मुस्काये

काले बादल छट जायेगे
अच्छे दिन फिर आएंगे
फिर से आओ खुशियां मनाएं
आओ फिर से मिल मुस्काये

© Rajesh Sharma आओ फिर से मिल मुस्काये


#muskurahat