ज़िंदगी कुछ ऐसे चल पड़ी कि ख्वाहिशें अटक गईं। रिश्ते बचाते बचाते अपने ही छूट गए कहीं! मैं आज भी दोराहे पर हूं, ज़िद करूं किसकी, अपनी, अपनों की या रिश्तों की? रफ़्तार भरी ज़िंदगी के कुछ छूटे ख़्याल। #nojoto #nojotohindi #nojotoquotes #deepthoughts #emotions #life #nojotohindiqoutes