#5LinePoetry छोटी छोटी पानी की बूंदें थी, नन्हे से हाथ, कश्ती कागज़ की थी, बादशाह अपनी मर्जी के, जब चांह मझधार में छोड़ दी, लहरों से जूझने का हुनर जो था.. ©Sarvesh Kumar kashyap #hunger #vachan #free_quote #5LinePoetry #aajadi_vachpanki