हवा के एक झोंके से,हुआ कंपन घटाओं में अश्रु ढलके नयन से और बढ़ी हलचल घटाओं में छलक उठा शांत सागर प्यार तट तोड़ बह निकला बांध टूटा मिलन का और बिजली चमकी घटाओं में #प्यार #hindi#poem