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ना करता तू मेरी परवाह, बनता है अब स्वार्थ क्यों। ऊ

ना करता तू मेरी परवाह,
बनता है अब स्वार्थ क्यों।
ऊष्मा से मै झुलस रही हूँ,
अब तो कर श्रृंगार मेरी।
कहने को संसार हूँ,
पर मै कूड़ादान हूँ।

©Mahesh Kopa पृथ्वी की पुकार

#Earth_Day_2020
ना करता तू मेरी परवाह,
बनता है अब स्वार्थ क्यों।
ऊष्मा से मै झुलस रही हूँ,
अब तो कर श्रृंगार मेरी।
कहने को संसार हूँ,
पर मै कूड़ादान हूँ।

©Mahesh Kopa पृथ्वी की पुकार

#Earth_Day_2020
maheshkopa8084

Mahesh Kopa

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