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“सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:। मनुष्यो

“सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:॥” 

 

अर्थ :- मनुष्य मेरे प्रसाद से सब बाधाओं से मुक्त तथा धन, धान्य एवं पुत्र से सम्पन्न होगा- इसमें तनिक भी संदेह नहीं है। नवरात्रि के दौरान इस मंत्र का पावन श्रद्धा के साथ यथाशक्ति जप करें, माँ अवश्य ही आपकी समस्त विपदा को हर लेगी।
“सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:॥” 

 

अर्थ :- मनुष्य मेरे प्रसाद से सब बाधाओं से मुक्त तथा धन, धान्य एवं पुत्र से सम्पन्न होगा- इसमें तनिक भी संदेह नहीं है। नवरात्रि के दौरान इस मंत्र का पावन श्रद्धा के साथ यथाशक्ति जप करें, माँ अवश्य ही आपकी समस्त विपदा को हर लेगी।