मैं राह पर अब किसी पत्थर सा नही ठहरता चीखतीं हैं मुझे देखकर पर उन गलियों से नही गुजरता अब मैं खुद को बेमिसाल सा लगता हूँ साहब ये और बात है के कितनों के गले नहीं उतरता।। #मोहब्बतकाशायर#mohabbatkashayar#thoughtsofrdr#Rishabhdevrathore