2 आज़ादी किसी राजा की मौत, या किसी नए राजा का जन्म नहीं होती। एक राष्ट्र के अभुदय में बीसियों वर्षांतरालों तक तारीखें आती हैं, इन सबका एक ही दायित्व होता है वो एक सकारात्मक अर्थ पुष्ट करती जाती हैं। मुझे याद आयी सैनिक छावनी में चली पहली गोली, जिसके पहले किसी अनजान तारीख पर एक हृदय में खून उबला था, बांकी जो हुआ, सब पिछला था। मुझे क्या याद है वो तारीख जब पहली बार किसी मुहर ने सुनी-सुनाई कहानियां भूलायीं थीं, रटे-रटाये नामों से अलग, थोथे-खोंखले उपदेशों से थलग, प्रदर्शन और दिखावों को भूलकर, छलावों से चित्त को दूर कर स्याही का स्पर्श किया था, उस रोज उसने आज़ादी का एक अर्थ अनायास ही जिया था। Cont... 15 Aug 2021