रेत का क्या है हवा में उड़ जाएगा मसला तो पत्थर का है बता किधर जाएगा शहर भर के नाली नाले है जाम पड़े बरसात से पूछो पानी किधर जाएगा। कट चुका है हर पेड़ जो लगा था मेढ पर नन्हीं चिड़िया का घोंसला किधर जाएगा नशा, ऐब, इश्क़ और पबजी दोष दे किसे इस देश का बचपन अब किधर जाएगा लगते ही दाम बिक जाते हैं लोग यहा ऐसा इमान लिए इंसान किधर जाएगा। पूछते हैं अब मुझे वो जो देखते भी न थे बता अबके तेरा वोट किधर जाएगा चुनाव है सर पर तो दिखता है शहर मे चुनाव बाद वो नेता ना जाने किधर जाएगा एक एक कर सारा गांव आ गया शहर मे ये शहर भला अब किधर जाएगा। जिस राह से होकर निकला था शहर को 'तरूण' ना जाने अब वो रस्ता किधर जाएगा। Inspired from Parveen Shakir's couplet वो तो खुशबु हैं हवा में बिखर जाएगा मसाला तो फूल का है किधर जाएगा #ghazalkar #ghazal #life #reality #truth #hindiquotes #hindiurdu #tarunvijभारतीय