नहीं नहीं मैं बाधा हूँ, रंग-राग नहीं मैं राधा हूँ । श्रीकृष्ण चरण रज माटी हूँ, मनुकाव्य दीप की बाती हूँ ।। है प्राप्त प्रेम का घीव मुझे, मैं मानूँ केवल पीव तुझे । विरहिन जी कर जल जाना है, असह्य दुविधा को मिटाना है ।। आपसे दूर होना स्वतः असह्य हो चला है.. यह श्वांसा आप में ही तो चलती है.. यह प्रेम कितना नम करता है आँखों को.. Much Love.. 💜😍💜 #alokstates #8linepoetry #365days365quotes #krishna #radha #hindipoetry #yqdidi #missingyou