सुनो, जब बेरुख़ी की गर्म हवा, सुखा देगी जज़्बातों का पानी। और हमारे सम्बन्ध तुम्हें, लगने लगेगा बीती कहानी। जब एक दूसरे को देखकर, शब्द की होने लगेगी कमी। जब घुट रहा होगा इश्क़ का मौसम, तब बढ़ जाएगी आँखों में नमी। मैं शायद नाक़ाबिल हूँ, तो मेरी पहल की ना राह तकना, हो सके तो उस मौसम को, तुम कोशिश कर के बाहर ही रखना। ©Madhav Awana #welove #Trending #foryou #mohabbat #shayri #madhavawan