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ग़म में उतना जोर नहीं, जो आकर न जाएगा ज़रा सब्र तो

ग़म में उतना जोर नहीं, जो आकर न जाएगा
ज़रा सब्र तो कर, खुशियों का दौर भी आएगा

प्रकृति का नियम है यहीं, भले ही हो घनघोर अंधेरा
इस काली रात के बाद ही संभव है, एक नया सवेरा यह प्रतियोगिता संख्या - 22 है
साहित्य कक्ष में आप सभी कवि-कवियत्री का स्वागत  🙏🏻 है।
 
चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें

🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई सारे नियम और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। उसकी रचना को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा।

#collabchallenge
ग़म में उतना जोर नहीं, जो आकर न जाएगा
ज़रा सब्र तो कर, खुशियों का दौर भी आएगा

प्रकृति का नियम है यहीं, भले ही हो घनघोर अंधेरा
इस काली रात के बाद ही संभव है, एक नया सवेरा यह प्रतियोगिता संख्या - 22 है
साहित्य कक्ष में आप सभी कवि-कवियत्री का स्वागत  🙏🏻 है।
 
चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें

🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई सारे नियम और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। उसकी रचना को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा।

#collabchallenge