तू ये हश्र ना कर मेरी शायरी का, मेरी शायरी में नाम तेरा छुपा है-2 मैं घायल परिंदा तेरी आशिकी का, ये परिंदा कहीं रास्ते में पड़ा है। है घायल मोहब्बत मेरी इस जहाँ में, मेरी शायरी ने इसे मरहम दिया है।। तू ये हश्र ना कर मेरी शायरी का........... मोहब्बत के मारे हैं कितने दिवाने, दीवानों को इसने सहारा दिया है, शराबी जो मैं होता फिर गम ना लिखता, हजारों गमों को एक शेर में कहा है तू ये हश्र ना कर मेरी शायरी का............ #तू ये हश्र ना कर मेरी शायरी का