मंजिलें पैरों तले कई रौंद दी गई पर ज़हन में कोई आह नहीं रखता, माना दौलत कुछ कम है अभी पर ना दे सकूं आसरा किसी मुफलिस को इतनी छोटी मैं बांह नहीं रखता.... #आह #दौलत #मंज़िल #सहारा #बांह