शहर से वापिस गांव जाने के बाद ज़िंदगी से मौत में आने के बाद मां के हाथ की रोटी खाने के बाद बड़ा सुकून मिलता है स्कूल से छूटी मिलने के बाद फूल का कलियों से खिलने के बाद वतन की मिट्टी में मिलने के बाद बड़ा सुकून मिलता है महबूब की बाहों में सोने के बाद दर्द में एकांत में रोने के बाद कुछ ख्वाइशों को खोने के बाद बड़ा सुकून मिलता है लाखो की भीड़ में एक का होने के बाद थकान में सोने के बाद एक हद तक अच्छा होने के बाद बड़ा सुकून मिलता है ©Mandeep Ghoyal #sukoon #Hindi #hindi_poetry #hindi_poem #hindi #Nojoto