9. तू कहे, तो तेरा हो जाऊं लगाम टूटे, तो तेरी बोली बन जाऊं, बारिश हो, तो तेरी अधरों पर गिरी वो बूंद बन जाऊं. शाम हो, तो खग का गुंजन हो जाऊं, प्रभात हो ,तो सूरज की पहली किरण बन जाऊं, साथी हो, तो जीवन का तेरा अंतिम क्षण चुरा लूं, पवन हो, तो तुझे स्पर्श करता हुआ कण बन जाऊं, पवित्रता हो, तो तुझमे समा उत्कर्ष हो जाऊं, तू कहे, तो तेरा ही जाऊ.. ©Ankit verma utkarsh❤ poetry no. 9 #colours