जीवन हमपर बोझ क्यों बन जाता है? क्यों अभाग्य की आँधी, मेहनत के दीये को बुझा जाता है? क्यों तमाम कोशिशों के बाद भी, कुछ सवालों के जवाब नही मिलते? क्यों कभी ख़ुशी में भी , आँखों में आंसू है छलक जाते? क्यों कुछ तकलीफे, जाहिर नही की जा सकती? गर जाहीर भी कर दी जाये, क्यों किसी को मेरी बातें समझ ही नही आती? क्यों कुछ सपने , बस सपनों में ही रह जाते है? क्यों कुछ पराये अपने, और अपने पराये बन जाते है? क्यों हर क्यों का जवाब नही होता? क्यों इस क्यों के जवाब में एक और क्यों का सवाल है आता? #क्यों#नोजोटो#nojotohindi