Maa Repost जरूर कीजिए! माँ उम्मीद है, दिन ढलते - ढलते तू मेरे करीब होगा.. न जाने मुझे मेरे बचपन का बेटा कब नसीब होंगा...? ©Sandeep Manohar Kothar माँ उम्मीद है, दिन ढलते - ढलते तू मेरे करीब होगा.. न जाने मुझे मेरे बचपन का बेटा कब नसीब होंगा...? @ Sandeep Manohar Kothar #Pyarimaa #Maa #Mother #Hindi #Kavita #Vichar #Instawriter