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जिंदगी खत्म होती है, इम्तहान नहीं। कुसुम की कमी मह

जिंदगी खत्म होती है,
इम्तहान नहीं।
कुसुम की कमी महसूस होती है,
खुसबू की नहीं।।
ऐसा एक वक्त आता है,
पास होते हुए कहीं खो जाते हैं,
ऐसा एक एहसास होता है,
दूर होते हुए भी किसी दूसरे में समा जाते हैं।।

©BINOदिनी #एहसास_मेरी_कलम_से
जिंदगी खत्म होती है,
इम्तहान नहीं।
कुसुम की कमी महसूस होती है,
खुसबू की नहीं।।
ऐसा एक वक्त आता है,
पास होते हुए कहीं खो जाते हैं,
ऐसा एक एहसास होता है,
दूर होते हुए भी किसी दूसरे में समा जाते हैं।।

©BINOदिनी #एहसास_मेरी_कलम_से